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Nivish kumar Singh

Others

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Nivish kumar Singh

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बरसते बादल

बरसते बादल

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कई दिनों से बरसते बादल

धो डालें पूरे काले आसमान

 हमसे दूर गए सितारे सारे

 दिखने लगे टिमटिमाते फिर से,, 

विजली गुल टीवी से दूर

पास आ मिले सभी फिर से

घरों की खुली बंद खिड़कीयाँ

प्रकाश, पवन आने लगे फिर से

अरे ओ प्यारे काले बादल 

तू मेघा लेते आना फिर से।। 



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