पापा
पापा
वज्र सा कठोर रूप, दिलों का कमल कोमल
खुद का अरमान छिपा सपना इनका बस एक है
आशा उम्मीद से भड़े पड़े हर वक़्त रहते मेरे साथ खड़े
रूप इनके अनेक है पापा मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं।
बन राम बाण करते मेरे बुराई का अंत
कृष्ण सुदर्शन है मेरे जीवन का दर्शन हैं
मेरे उलझन के अमावस्या में पूनम का चाँद हैं
बहती लहरों के धार में नाव का मल्हार हैं
मेरे पापा मेरे लिए हर जंग लड़ने को त्यार हैं।
बुद्ध के मौन में छिपा है सच्चा ज्ञान
पापा के मौन में छिपा है सबके लिए प्यार।