STORYMIRROR

Nivish kumar Singh

Others

2  

Nivish kumar Singh

Others

“ज्ञान कि जीत”

“ज्ञान कि जीत”

1 min
89

अधर्म का पाप जब पोखर खोदा

धर्म भक्त मन बटोर कर सोचा

जंग जितने कि ज़िद लिए

साधु निकल पड़ा कमंडल लिए

राहों में आए काँटे डाल 

देते गए गुलाबों का सम्मान, 

भटक भटक साधु पहुँच पड़ा

गुरु चरणों में माथा टेक पड़ा

मन के भाव जब शून्य हुए

गुरु ज्ञान से पूर्ण हुए

जब भी धर्म पर जुल्म हुए

अधर्म का नाश ज्ञान से ही हुए।। 



Rate this content
Log in