रावण ने किया राम से विवाद
रावण ने किया राम से विवाद
रावण ने की या राम से विवाद
राम को बैठा देख अपने आसन
वहाँ लगाया रावण अपना सिंहासन
लगा परोसने अपना ज्ञान
राम तू हो जा मेरी तरह धनवान
वरना करेंगे न कोई सम्मान
देख मुझे! सब करतें हैं प्रणाम
राम तुझसे सच्चा दूँ 'मैं' मददगार
बिन माँगे देता दूँ सबकों धन आहार।।
सुन वचन प्रभु राम मुस्काए
रावण को दिया सच बताए
सुनु हें धनवान लंका पति रावण
सुखी दूँ मैं खाकर सूखी रोटी
नमन हैं शिव को कोटि कोटि
दिया न कम कभी एक रोटी
धन तो हैं सदा आते जाते
बना न कभी किसी का साथी
जनता हैं मुझें स्वयं बताती
धन खातिर आपके द्वार पधारती
सुनी ज्ञान वचन मोहे पास आती
जिससे मोह माया से मुक्ति पाती
बीच सँवाद में ही पधारे नारद
रावण से बस पूछा लिया हालत
बढ़े कदम जब राम की ओर
झुके शीश जैसे दूँ ज्ञान की भोर।।