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Nivish kumar Singh

Others

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Nivish kumar Singh

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दोस्तों की पुरानी यादें

दोस्तों की पुरानी यादें

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बाबा, बंदर, चच्चा, बच्चा

नेता, फेकू, राहों का पत्थर

रोज करता हूँ मैं इन नामो को स्मरण, 


याद करता हूँ उन पुरानी बातों को

बना बहाना धूप मे प्रथना नही जाने को

दबे मुँह चलते कक्षा मे टिफिन खाना

बोतल से पीकर पूरा पानी

चुप चाप उसे जगह धराना, 

सभी मास्टरों का नामकरण

परीक्षा से पहले चैप्टरो का बहिस्करन

जिन विषयों में होते हम परेशान

गणित की जगह पूछते इतिहास का सवाल, 


गर्मियों के छुट्टी वाला होम वर्क

मिलकर करते सब कॉपी पेस्ट

रह जाता फिर भी कोई दोस्त

अपना मॉनिटर देता अंक पड़ोस, 


दोस्त तेरी दोस्ती की प्यारे यादें 

हर बार कर जाती है मेरी आँखे नम

भूलूँ राहें या चला जाऊँ दूर कभी तुमसे

दोस्ती के डोर से  बांधे रखना सदा मुझे।। 

          



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