बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर
टेढे मेढे हैं मेरे कदमों के निशाँ ना सोच के असर कर रहा है नशा। टेढे मेढे हैं मेरे कदमों के निशाँ ना सोच के असर कर रहा है नशा।
कुछ खतायें मेरी होगीं तो कुछ गुनाह तेरे भी होगें, चल पुरानी यादों को दफ़न करते हैं. कुछ खतायें मेरी होगीं तो कुछ गुनाह तेरे भी होगें, चल पुरानी यादों को दफ़न ...
बेकार की बातों में उलझे, कोई इबारत न लिखी बेकार की बातों में उलझे, कोई इबारत न लिखी
मैं उंगलियों की पोरों से देख देख कर पढ़ती रही मैं उंगलियों की पोरों से देख देख कर पढ़ती रही
मन के बिखरे ख़्यालों को नई शक्ल दे रहे हैं मन के बिखरे ख़्यालों को नई शक्ल दे रहे हैं