बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर बेक़रारी का इज़हार कर अपनी मुहब्बत का पैग़ाम भेजकर
ज़िंदगी जलती दूपहरी है ,मगर जो तुम साथ हो तो मैं इसे हसीन शाम कर दूँ । मन कह रहा है गीतों से मेरे म... ज़िंदगी जलती दूपहरी है ,मगर जो तुम साथ हो तो मैं इसे हसीन शाम कर दूँ । मन कह रह...
मंजिलें मुकम्मल होंगी जरूर, बस सदाक़त का सफ़ीना थामे रखना मंजिलें मुकम्मल होंगी जरूर, बस सदाक़त का सफ़ीना थामे रखना
अल्फाज़ शायद नही है जो ये एहसास बयान कर पाते। फिर भी एक खत अपने यार के नाम लिख रही हूं। अल्फाज़ शायद नही है जो ये एहसास बयान कर पाते। फिर भी एक खत अपने यार के नाम लिख...
आज फिर तेरे शहर से मेरे नाम का पैगाम आया, भूले बिसरे पल फिर वो नाम कर गया.... आज फिर तेरे शहर से मेरे नाम का पैगाम आया, भूले बिसरे पल फिर वो नाम कर गया....