STORYMIRROR

गीत-पैग़ाम

गीत-पैग़ाम

1 min
14.4K


लफ़्ज़ जो दिल से निकले है सारे तेरे नाम कर दूँ ,

मन कह रहा है गीतों से मेरे मैं तुझे पैग़ाम कर दूँ ।।

हवा के झोंके से उड़ी ज़ुल्फ़ों ने तन जब मेरा छुआ था,

बदन में हुई हलचल लगा ऐसे तुमने मेरा मन छुआ था,

झपकीं ना पलकें पल भर को भी ,नज़रों से मेरी नज़र तेरी जब टकराईं थी ,

मौन संवाद के उस अपरितम क्षण में ही मुझे तुमसे प्यार हुआ था ,

ज़िंदगी जलती दूपहरी है ,मगर जो तुम साथ हो तो मैं इसे हसीन शाम कर दूँ ।

मन कह रहा है गीतों से मेरे मैं तुझे पैग़ाम कर दूँ ।।

प्यार जगा के इस दिल में ना जाने तुम कहाँ खो गये हो ,

नींद उड़ा के इन आँखियों से ना जाने तुम कोनसी दुनिया सो गये हो ,

हाल अब मेरा कुछ ऐसा है दिल मेरा ही नहीं मेरे जैसा है ,

कभी ना रोने देने के वादें करके आज तुम ही पलकें भीगो गये हो ,

धड़कने रोकी है मैंने तेरे लिए ही तू आए तो इन्हें तेरे नाम कर दूँ ।

मन कह रहा है गीतों से मेरे मैं तुझे पैग़ाम कर दूँ ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance