शब्दों के मोती
शब्दों के मोती
शब्दों के मोतियों को कागज पर समेट रहे हैं
हम आज -कल कविता लिखना सीख रहे हैं
मन के बिखरे ख़्यालों को नई शक्ल दे रहे हैं
कोरे कागज़ पर नई-नई इबारत लिख रहे हैं
सुन्दर अल्फ़ाजों को कागज पर उकेर रहे हैं
दिल पुरसुकून हो गया है, जबसे लिख रहे हैं
