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छुआ हो समाज़ का कोना अच्छी कविता लम्हें छुआ है साथ नाज़ बच्चों कड़ी क्रुर रूप हर मन पल भर पक्षी को परिभाषित प्रेम छुआ -छूत नयन

Hindi छुआ Poems