एक प्रेम कहानी
एक प्रेम कहानी
जिस तरह
परिभाषित किया है
आपने "प्रेम" को
काश ...! के यही रूप होता
"प्रेम" का ..
लोग छुपाते नहीं,
नाज़ करते
अपने "प्रेम" पर
और नाम लेते
फक्र से अपने
प्रेमी-प्रेमिकाओं का
मुझे नाज़ है
आप पर और
अपने "प्रेम" पर
हां मुझे नाज़ है ।
मैं अपने बच्चों को
सुनाऊंगी
अपनी "प्रेम कहानी "
साथ रहकर भी दूर रहें
और
दूर होकर बहुत पास .......
कभी छुआ नहीं मेरा हाथ
और छोड़ा नहीं मेरा साथ

