जन्नत जाए बचाया गंवाया दिल मजबूर रूठा सताया इशारों हिन्दी कविता लहराया #धागा जज़्बात का पकडे खड़े थे हम दो किनारो पर। रिश्ता बनाया था जो हमने उम्मीदों के सहारों पर ॥

Hindi बनाया Poems