ज़िन्दगीनामा
ज़िन्दगीनामा
तुम इस बात पर पूरा यक़ीन कर लो
कि तुम्हें भी मौका मिलेगा
खुद को साबित करने को...
मगर उस वक्त तुम कहीं
डगमगा न जाना...
सच्चाई का साथ देने को...
सच बात को स्वीकार करने को...
हाँ, बेशक़ तुम्हें पूरा मौका मिलेगा
खुद की ईमानदारी से
पैरवी करने को...
तब तुम कहीं डगमगा न जाना :
अपनी बात से मुकर न जाना !!
जिस पल तुम्हें अच्छे-बुरे का
सम्यक ज्ञान प्राप्त होगा,
उसी पल तुम्हारा पुनर्जन्म होगा...!
अब भले ही तुम्हारे जगमगाते सितारे
गर्दिश में होंगे,
वो दिन ज़रूर आएगा,
जब उजाले की ओर
तुम अपना पहला कदम बढ़ाओगी
और तुम्हें सारा नीला आसमान मिलेगा...
हाँ, तुम उस खुशनुमा ज़िन्दगी को
अपने घर-आँगन में बुलाना...!!
उसका तहेदिल से एहतराम करना...
बेइंतहा तुम भी अपनी ज़िन्दगीनामा लिखना...।