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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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याद नहीं अब कुछ

याद नहीं अब कुछ

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आपका धन्यवाद है

जो आपने मुझे दुनिया से ही विदा कर दिया,

और मेरी विदाई का खूब प्रचार कर दिया।

इतना ही नहीं ये आपका प्यार ही है

जो बड़ी शिद्दत से शोक सभा कर

मीडिया में मेरा मुफ्त में प्रचार भी कर दिया।

आपको मेरा बहुत बहुत धन्यवाद है

आप से बड़ा शुभचिंतक और न कोई यार है।

पर आपने मेरा दिमागी बोझ बढ़ा दिया

मैं जिंदा भी था ये अब याद नहीं,

मनन, चिंतन का बेवजह काम बढ़ा दिया।

पर एक तो अच्छा काम कर दिया

लोगों को मुर्दे से संवाद करने के 

अनुभव प्राप्त करने सुअवसर दे दिया।

पर मुझे तो समझ नहीं आया कुछ

आखिर आपने ये सब क्यों कर दिया?

मैं जिंदा हूं या मुर्दा, मुझे ही भरमा दिया

पर एक काम बहुत अच्छा किया

जो मुफ्त में मेरा जिंदा न सही 

मुर्दा ही प्रचार कर दिया,

इसी बहाने मुझे चुनाव लड़ने के लिए

आखिरकार उकसा ही दिया। 



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