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ritesh deo

Abstract

4  

ritesh deo

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खुद को ना संभाल पाए

खुद को ना संभाल पाए

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यदि खुद को संभाल न पाए, जीवन में पीछे रह जाओगे तुम

मै हूँ कौन, क्यों हूँ यहाँ, कर्त्तव्य क्या है मेरा

ये खुद से पूंछ न पाए, तो राह भटक जाओगे तुम

कब सोया कब जागा मैं, आज किया परिश्रम कितना

परिश्रम की कमाई पिता अपने की,आज खर्च किया है कितना

यदि ये आंकलन कर न पाए, जीवन की जंग हार जाओगे तुम

यदि खुद को संभाल न पाए, जीवन में पीछे रह जाओगे तुम

यदि जंग जीतनी है जीवन की, समय का आदर करना सीखो

त्यागो आलस्य,और बहानों को, परिस्थितियों से लड़ना सीखो

यदि हैं पग घायल तो क्या हुआ, अपने पथ पर चलना सीखो

तुम हो दरिया,बहना है तुमको, हर पल तुम चलना सीखो

यदि ठहर गए राह में थककर,उद्देश्य न अपना पाओगे तुम

यदि खुद को संभाल न पाए, जीवन में पीछे रह जाओगे तुम....


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