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Neeraj pal

Romance

5.0  

Neeraj pal

Romance

करवा चौथ।

करवा चौथ।

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मैं तो अपने प्रीतम के ही गुण गाऊँ।

जिस विधि राखै अच्छा लागै जित देखूँ उत पाऊँ।। मैं तो.....


सात फेरों से बँधा यह जीवन सातों जन्म निभाऊँ।

सुख-दु:ख में साथ न छोडूँ कंधे से कंधा मिलाऊँ।। मैं तो......


तन- मन सब उन को है सौंपा अंखियों में सिर्फ बसाऊँ।

और तमन्ना नहीं कुछ पाने की सिर्फ उनको ही गले लगाऊँ।। मैं तो.....


खुली आँख सिर्फ उनको ही देखूँ बलिहारी उन पर जाऊँ।

अंतिम सांस जब मेरी निकले उनको ही बस पाऊँ।। मैं तो.......


कोई न बिछड़े अपने प्रीतम से तेरे ही गुण गाऊँ।

"करवा चौथ" व्रत "नीरज" तू भी रख ले पतिव्रत कहलाऊँ।। मैं तो......


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