STORYMIRROR

राहुल अलीगढ़ी

Abstract

4  

राहुल अलीगढ़ी

Abstract

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा

1 min
278

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा,

अत्याचार मिटाना होगा।

बाँसुरी का अब समय नहीं,

सुदर्शन चक्र उठाना होगा।

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा।


कौरव तो केवल ही सौ थे,

लेकिन आज हजारों में।

हर गली, हर चौराहे पर,

अस्मत लुटती बजारों में।

द्रोपदी की लाज बचाने,

अब तो चीर बढ़ाना होगा।

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा।


सब के मन में पाप घुसा है,

और पाप को धोने जाते हैं।

धुलता है उनका शरीर ही केवल

पर मन को ना धो पाते हैं।

पापियों का बजूद मिटाने,

दिव्य रुप दिखाना होगा।

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा।


भ्र्ष्टाचार चरम पर पहुँचा,

धर्म पर चलना भूल गए,

गीता ज्ञान बहुत हुआ अब,

अवतार तुम्हें अब लेना होगा,

धर्म की रक्षा की खातिर,

सुदर्शन चक्र उठाना होगा।

कृष्ण तुम्हें अब आना होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract