माँ चली गई
माँ चली गई
मेरे ज़िस्म से आज, रूह अलग हो गई।
मेरी माँ मुझ से रूठ कर, बहुत दूर हो गई।।
जिसने अपने हाथों से मुझको खाना खिलाया,
अब हमेशा के लिए छूट गया, मेरी माँ का साया।।
अंतिम सांस तक भी, न जाने कितने दर्द सह रही थी,
तुम खुश रहो सदा, वो जाते जाते भी कह रही थी।।
हरे परिवार में अब, माँ की छांव के लिए तरस गया हूँ,
पेड़ से टूटे हुए पत्तों का की तरह, आज बिखर गया हूँ।।