वीर योद्धा
वीर योद्धा
दुख दर्द हजारों सहकर भी, एक माँ ने बेटा भेज दिया।
रेशम की डोरी बिन बांधे ही, बहना ने भाई भेज दिया।
सात जन्म का वादा करके, वो अब शायद ही लौटेगा,
अपना सिंदूर भुला कर भी, भार्या ने शौहर भेज दिया।।
आये दुश्मन सामने तो, ना बिल्कुल भी घबराना तुम।
चढ़ जाना उसके सीने पर, और गोली वहीं चलाना तुम।
हो जाए सर से ऊपर पानी, तो मौत को गले लगाना तुम।
खुद की जान गवां कर भी, देश की शान बचाना तुम।।
जब ख़त आया बेटे शहीद का, पूरा देश विलाप कर रोया था।
मातम सा छा गया था देश में, माँ ने वीर योद्धा खोया था।।
बेटे ने ख़त में लिखा था, मैं फिर लौट कर आऊँगा,
एक बार नहीं सौ बार सही, भारत पर जान लुटाऊँगा।।
ए भारत के वीर शहीदों, तुम पन्ने हो अमर कहानी के।
हर दिन भारत के नाम किया है, तुमने अपनी जवानी के।
ये नई पीढ़ी क्या समझेगी, कुर्बानी और शहादत को,
शत शत बार नमन तुम्हारी यशगाथा और इबादत को।।