तुम्हारे नाम कर दूं मैं
तुम्हारे नाम कर दूं मैं
मेरे हर एक लम्हे को तुम्हारे नाम कर दूँ मैं,
रहूँगा याद जन्मो तक कुछ ऐसा काम कर दूँ मैं।
तुम उम्र भर दिल के यूं ही मेहमान बन जाओ,
तुम्हारे इश्क़ में डूबी सुनहरी शाम कर दूँ मैं।।
तुम्हारे बिन तो मैं कुछ भी नहीं हूँ, जानती हो तुम,
तुम्हारे नयनों में खो कर, खुद को गुमनाम कर दूँ मैं।
मेरा दावा है मुझ सा, फिर नहीं मिल पायेगा तुमको,,
मोहब्बत के शहर में दोनों को, सरेआम कर दूँ मैं।।