कृष्ण है तो संभव है
कृष्ण है तो संभव है
कृष्ण है तो संभव है, संतोष का तृप्त करना,
अचरज लीलाओं का भी संभव करना,
व्यथित मन को भी सुंदर सुशोभित करना,
बरखा संग हरियाली का चमकना!
कृष्ण है तो संभव है, गोकुल की गोपियों का थिरकना,
बंसी पर राधा का संवरना,
रास के श्रृंगार का माधुर्य मय होना,
सुगंधित फूलों पर भंवरों का चलना!
कृष्ण है तो संभव है, अर्जुन के संकल्प रथ पर चढ़ना,
महाभारत में सकल ताज का धारण करना!
कालिया नाग पर जय नृत्य करना,
चांद सूरज का तीव्र तेज अमर!
कृष्ण है तो संभव है, पाताल लोक का काल भी,
घोर मित्रता का वचन भी,विरोध में अनुरोध भी,
हार पर ताज भी, अजय का राज भी,
पृथ्वी का रक्षण भी, सृष्टि का उद्धार भी!