नींद
नींद
नींदे उड़ी हुई लगती है
अँखियों से मेरे
अब तू ही बता मैं करवट बदलूंं
कैसे मुखड़े से तेरे..
की लगती है ठंडी हवा तो आँहें
अब कानों में तेरे मैं भरूँ कैसे
कि ख़्वाब मेरा बनके हक़ीक़त है,
बाहों में मेरी तो तू ही बता !
मैं दावा अपना तुझपे अपना करूँ ना कैसे
दिल कहता है इज़ाज़त ले लूं
मैं माथा तेरा चूमने से पहले तो फ़िर,
सोचती हूँ मन तो तू मेरा है तो क्या
इज़ाज़त लू मैं माथा तेरा चूमने से पहले।

