यहां मिलेंगे या वहां मिलेंगे
यहां मिलेंगे या वहां मिलेंगे
मुश्किलों से संभाला है ,दिल को,
हमें पता नहीं कहां डूबेंगे,
कतरा - कतरा कर पता किया है,
कहीं यहां मिलेंगे या वहां मिलेंगे!
रोज आती है चहक किसी और से,
कभी कदम तो कभी महक आती है,
खबर लेते हैं रोज मुश्किलों से,
कभी गली से कभी मोहल्ले से पूछते है!
याद है हंसी मुस्कुराना आपका,
यूं इठलाकर चले जाना,
यूँ पलकें झुकाना और नजरे मिलाना ,
और कोशिशों का पुल बांधकर यूं अलट जाना!

