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akshata alias shubhada Tirodkar

Fantasy

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akshata alias shubhada Tirodkar

Fantasy

कल की बारिश

कल की बारिश

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मैने देखी हुई कल कि बारिश 

थी हलके से  मौसम कि 

रिमझिम और टपटप बुंदो वाली 

पक्षी जनावर भीग गये थे


फुल और कालिया बारिश

की बुंदों से चमक रहीं थी 

नन्हें बच्चे बारिश को देखकर नाच रहे थें 

कागज की नाव पानी में तेहर रही थी 


अचानक से बारिश की

हवा के साथ हो गयी दोस्ती 

और जोर से तुफानी हवा

ने उड़ायी छप्पर घरों की 


बड़े से पेड़ को कर दिया ढेर 

मचा या तांडव का खेल 

जलमय माहौल बना दिया

तुफानी समा छा गया 


मैंने पूछा बारिश से ऐसा

अस्त व्यस्त  क्यूँ कर दिया तुमने ?

तुरंत बारिश और हवा शांत हो गयी 

इंद्रधुनुष्य कि छलक नजर आई


और इस तरह कल की बारिश में

तांडव रूप में शांतता नजर आई।


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