पापा
पापा
कोई कहता है पापा
तो कोई कहता डॅडी
कोई कहता हैं पिताजी
तो कोई पोपसी
चाहें हो बुलाने के तरीके हजार
पिता का प्यार बरसता हैं हर बार
चाहें गुस्सा हो जाये या लगायें डांट
बचपन में गिरते समय दिया पिता ने ही हाथ
न जाने बच्चे बडे होकर क्यों देते है ऊनको नया घर
वहा होती है छत पर नहीं अपनापन
जिस घर को कहते हैं वृध्द आश्रम
आउटडेटेड वो नहीं होते
होते अपने विचार
इसलीए तो बुड्डेपन में दिखाया जाता है
उनको रास्ता बाहार
फादरस डे के दिन करते हैं बडी बडी बाते
असलीयत में उनको याद भी नही करते।