आज़ादी मन की
आज़ादी मन की
चलते हुए रास्ते पर कचरे के ढेर दिखे
मन में आया विचार कब मिलेगी इस कचरे से आज़ादी ?
रास्ते की स्टाल पर दिखा एक बच्चा कर रहा था वहाँ बालमजुरी
मन में आया विचार क्या होगी उसकी कमजोरी ?
अख़बार में लिखा था बढ़ रहा हे लड़कियों पर अत्याचार
मन में आया विचार कब मिलेगी लड़कियों को आज़ादी ?
इन्सान ने अपने शौक के लिए पिजरे में बंद पंछी को देखा तो
मन में विचार आया कब लेगा वो खुलके साँस आज़ादी वाली?
बिना चपल घूम रहे इंसान को देखा तो
मन में विचार आया कब मिलेगी उसके पैरों को धूप से आज़ादी ?
गरीब आमिर का फरक देखा तो
मन में विचार आया कब आज़ाद हो की हमारी मानस्किता स्वार्थीवाली?