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akshata alias shubhada Tirodkar

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akshata alias shubhada Tirodkar

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ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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यूँ तो ज़िन्दगी मेरी है पर वक़्त मेरा नहीं है

सांसे मेरी हैं पर पल मेरे नहीं हैं 

क्या मेरा हे क्या तेरा है 

ज़िन्दगी तो बस एक भगवान के हाथ का खिलौना है

पल नहीं रोक सकते जी ने के लिए फिर से ज़िन्दगी 

वक़्त की घड़ी ना किसी के लिए रुकी 

ना किसी के के लिए रुके की 

पल फिसलते जायेंगे रेत की तरह 

ज़िन्दगी मेरी बस मेरी रहेगी 


 


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