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Gaurav Tiwari

Abstract Fantasy

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Gaurav Tiwari

Abstract Fantasy

काश ! कोई जाने !!!

काश ! कोई जाने !!!

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काश ! कोई जाने, कोई माने

कोई हम जैसा हमको पहचाने।।

दिल के धागे में पिरो पिरो

मोती मनके का सच जाने ।।


बिन दिखलाये दिल का दर्पण

आँखो में सब कुछ पढ़ जाये

लबों की लाली झूठ कहे

पर वो दिल का आलम सुन जाए


अंधियारी सी राहों में

कोई दीपक सा जल जाए

काश ! कोई जाने, कोई माने

कोई हम जैसा हमको पहचाने ।।

दिल के धागे में पिरो पिरो

मोती मनके का सच जाने ।।


रहे सदा, साथ में ही

साया वो ऐसा बन जाये

जब भी हम पे कोई आन पड़े

कवच कुण्डल वो बन जाए

रंग भर दे जैसे इन्द्र- धनुष

फलक का बादल बन जाये

काश ! कोई जाने, कोई माने

कोई हम जैसा हमको पहचाने ।।

दिल के धागे में पिरो पिरो

मोती मनके का सच जाने ।।


मेरी आँखों के आँसू के

हर एक दर्द का मूल करे

मेरे जीवन परिवर्तन के

हर चिंतन को वो दूर करे

मेरी गलती मेरी कमियाँ

हर दुविधा को निर्मूल करे

काश ! कोई जाने, कोई माने

कोई हम जैसा हमको पहचाने ।।

दिल के धागे में पिरो पिरो

मोती मनके का सच जाने ।।



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