STORYMIRROR

Deepu Bela

Abstract Romance Fantasy

4  

Deepu Bela

Abstract Romance Fantasy

काश!!दिल चाहता वो होता..!!

काश!!दिल चाहता वो होता..!!

1 min
23.4K

काश दिल चाहता वो होता 

तो बात ही क्या थी !


तेरे बिना दिन कि शुरुआत ही ना होती

यूं गीले तकिये पे रात हमारी ना सोती

यूं बेचैन राते हमारी ना कटती

यूं नींदें हमारी ना बंटती


सपनों की बजाए हकीकत में

तुम हमारे होते

तो बात ही क्या थी।

यूं बेवजह मुलाकात की आश ना होती

दिल में कोई राज ही ना होते


हर पल अगर तुम साथ होते

यूं तन्हाइयों से यारी हमारी ना होती

यूं अकेली जिंदगी हमारी ना कटती

होले होले प्यार की शुरुआत होती

हर बात हसीन होती।


काश तुम्हारे लिए जिस्मो से ज्यादा

रूह की चाहत जरूरी होती

तो जुदा होने की मजबूरी ना होती

तो आज दिलों कि दूरी ना होती

कोई नई कहानी हमारी भी होती।


काश दिल चाहता वो होता 

तो बात ही क्या थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract