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Deepu Bela

Abstract Romance Tragedy

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Deepu Bela

Abstract Romance Tragedy

कोई आेर मिल गया है..!

कोई आेर मिल गया है..!

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आज फिर से पुराने जख्मों को खुरेदा जा रहा है

लगता है कोई ओर मिल गया है।


नसीहतें भी नई सी दी जा रही है

आइने में भी बार बार देखा जा रहा है

लगता है कोई ओर मिल गया है


उदास चहेरे को फिर से निखारा जा रहा है

आंखों में भी नई सी चमक जग रही है

लगता है इन आंखों में कोई और बस गया है


फूल नए से गुलदस्ते में सजाए जा रहे हैं

लगता है कोई गुलाब सा खिल गया है


टूटे दिल के टुकड़ों को फिर से संजोया जा रहा है

लगता है कोई मरहम सा मिल गया है।


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