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Deepu Bela

Abstract Romance Others

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Deepu Bela

Abstract Romance Others

हमने जो की थी मोहबब्त...!

हमने जो की थी मोहबब्त...!

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हमने जो कि थी महोब्बत वो आज भी है।

माना है अधूरी हमारी कहानी पर 

इन निगाहों में मुकम्मल होने की

ख़्वाहिश आज भी है


तुम ने जो दिया था वो गुलाब आज भी है

माना मुरझा गया है वो पर

किताब के पन्नों में उसकी महक

आज भी है।


हमने जो किये थे जो साथ रहने के

वादे आज भी है

माना आज हम साथ नहीं पर

यादों की वो लड़ी में हम साथ आज भी है।


तुम्हारा वो रुला के फिर हँसाने का

सिलसिला आज भी है

माना अब हँसी एक सपने जैसी है पर

डायरी के हर पन्ने पर आंसूओं का

अक्स आज भी है।


वो तुम्हारा बालों को सहलाना और

माथे को चूमना आज भी है

माना अब तू दूर ही सही पर 

इन हवाओं में तेरे होने का

अहसास आज भी है


वो तुम्हारा कहना फिर आऊंगा

मिलने वो आज भी है

माना अब तू नहीं आएगा पर

दिल को तेरा इंतज़ार आज भी है।


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