उड़ कर देख कभी !
उड़ कर देख कभी !
उड़ कर देख कभी आसमानों में
मज़ा आएगा
छू कर देख कभी बादलों को
बरस जाएगा
सूँघ कर देख कभी फूलों को
महक जाएगा
चढ़ कर देख कभी पहाड़ों को
संभल जाएगा
फूला कर देख कभी गालों को
हँस पाएगा
पढ़ कर देख कुछ किताबों को
सुधर जाएगा
बैठ कर देख कभी आँगन में
खो जाएगा।