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Dipanshu Asri

Romance

4.5  

Dipanshu Asri

Romance

दिल लगाकर तो देखो

दिल लगाकर तो देखो

1 min
313


तुझे क्या पता मेरे अफ़सानो का 

कभी आँखों से बात कर के तो देखो 

बैठे हो तुम क्यों मेरे बगल में ?

कभी दिल में हमारे उतरकर तो देखो 


सोचो क्या होता ? अगर चाँद न होता 

कभी खुद से चांदनी बिखराकर तो देखो 

क्यूँ अँधेरे को समेटा हैं पल्लू के साएं में 

अपने हुस्न का तुम पर्दा उठाकर तो देखो 


क्यों हसते हो बेचारे इश्क़ करने वालो पे 

कभी खुद भी तो प्यार कर के तो देखो 

तुम्हे क्या पता क्या गुज़रती है दीवानो पे 

कभी तुम भी तो दिल लगाकर तो देखो 


गुज़रता हूँ गलियों से अक्सर मैं तेरी 

कभी खिड़की का पर्दा उठाकर तो देखो 

मैं छत पर ही नज़र रखता हूँ तेरी 

कभी पड़ोसी का भी नंबर मिलाकर तो देखो।


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