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Dipanshu Asri

Inspirational

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Dipanshu Asri

Inspirational

कुरक्षेत्र

कुरक्षेत्र

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गले में अटक सी गयी है कुछ बात 

मैं कैसे खोलू वो राज़ 

दिल के पास , दिल के करीब 

कैसे बन जाएँ हम तेरे मुरीद 


कुछ तो कर ऐसा धमाल 

बातें रहें तेरी बेमिसाल 

बेशक़ ही तू मशहूर नहीं 

तेरे अंदर कोई बैठा फ़ितूर नहीं 


फिर भी तू कर जाए कोई कमाल 

बदल डाल तू भेड़ चाल 

सोच किस बात का डर हैं अंदर 

फैंक निकाल बदलेगा मंज़र 


जो सब करते हैं वो क्यूँ करना ?

जीने से पहले हैं क्यूँ मरना ?

सूरज भी हैं और तारे भी हैं 

अभी तो लाखोँ नज़ारे भी हैं 


हिम्मत का तीर एक बार तो चला 

गिरकर ही तो इंसान उठता हैं भला 

संदेह ना कर, विश्वास को धर 

कुरक्षेत्र यही हैं जाता हैं किधर।


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