करो ना- कोरोना
करो ना- कोरोना
पत्नी ने एकदम से छींकते हुए
पति को जोर से आवाज़ लगाई।
अजी! सुनते हो कुछ काम करोना
पति ने हड़बड़ाहट में काम तो सुुना नहीं
बस छींक और सुना करोना।
झट से दौड़ता-भागता आया
अपने घर भी आ गया है करोना।
पत्नी काम तो कुछ करते नहीं हो
बस पूछते ही रहोगे करोना-करोना।
पत्नी ने झट से एक छींक और मारी
और सी-सी नाक लगी चढ़ाने
पति की चिंता लगी बढ़ाने।
पति ने आदर्श पति की तरह रखा ख्याल
क्या करोना-करोना लगा रखा है
मैं तो हो रहा हूँ बेहाल।
झट से मुँह पर लगा लो मास्क
हमेशा सैनिटाइजर रखो अपने पास
बार-बार धोती रहना हाथ
जब तक बची रहें आखिरी साँस।
पत्नी फिर से छींकते हुए चिल्लाई
अजी! कुछ मुझ पर अहसान करोना
घर के दो-चार काम तुम भी करोना।
छींक की गूँज,
काम और अहसान
शब्द को दबा गई
पत्नी की करोना में तरेरी आँखें
पति को कच्चा चबा गई।
भागता-भागता गली के
मुहाने तक जा पहुँचा
करोना वायरस का भूत तो बहुत सुना है
मेरे घर तो करोना की
साक्षात भूतनी है आ गई।