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Archana kochar Sugandha

Action

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Archana kochar Sugandha

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दीपदान

दीपदान

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मैं कैसे और कहां दीपदान करूं 

मैलेपन से गंगा मैया दूषित हो जाती हैं।


उजाले में दीपदान करूं 

रवि के तेज में, रोशनी कहीं खो जाती हैं।


मंदिर में दीपदान करूं 

मंदिर की दिव्यता में, बाती निस्तेज हो जाती हैं।


मैं कैसे और कहां दीपदान करूं

तमस में तपोमय, रोशनी जगमगा उठती हैं।


दीपों की अवलियां

जुगनुओं संग, नाचती-गाती चमचमा उठती हैं।


मैं कैसे और कहां दीपदान करूं

फैलाकर तम में प्रकाश, पूरा जहान दैदीप्यमान करूं।



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