जीवन जीने के सलीके
जीवन जीने के सलीके


जीवन जीने के सलीके
जीवन जीने के सलीके
इसी दुनिया से निकलकर आए हैं ।
सीधी-साधी जिंदगी को
पाठ इन्होंने जमाने से
सुरताल मिलाने के पढ़ाए हैं।
मिला लिए थे
जमाने से सुरताल
दायरों के दायरे में रहने के
फरमान इन्होंने ही सुनाएं हैं
ऊंची सीढ़ी मुहैया करवा के
सीढ़ी के पायदान हटावाएं हैं
जीवन मूल्यों में
आदर्श जीवन के पाठ
इन्होंने ही पढ़ाएं हैं।
लियाकत-शराफत को रंगबिरंगे
रंगों में रंगने के गुर सिखाकर
दस्तूरों के ज्ञान दर्शन में
इन्होंने ही भरमाए हैं।
जिंदगी के
आरोही-अवरोही क्रम में
जीवन जीने के सलीके
इसी दुनिया से निकलकर आए हैं ।
अर्चना कोचर