सारे जहां से अच्छा सफर....
सारे जहां से अच्छा सफर....
हमारे जीवन में हम सभी सोच रखते हैं।
बड़े बुजुर्गो का सच हम सम्मान करते हैं।
बलिदान और त्याग को हमें वो बताते हैं।
घर में दादा दादी और ताऊ ताई रिश्ते हैं।
समय और हालात के साथ साथ हम हैं।
सारे जहां से अच्छा सफर हम करते हैं।
जीवन के सच और सोच हम रखता हैं।
हम सभी इंसान बदले समय के साथ हैं।
न जाने हम त्याग और समर्पण भाव ,
सारे जहां से अच्छा सफर हम करते हैं।
बस हमारी कविता में नीरज कहते हैं।
हम सब जानते और पहचानते भी हैं।
अकेले हम अकेले मन के साथ रहते हैं।
सारे जहां से अच्छा सफर हम करते हैं।
जीवन और जिंदगी सांसों के साथ हैं।
बस एक सोच हमारी अपनी होती हैं।
हम सभी सारे जहां से अच्छा सफर,
एक दूसरे से मिल कर रहते हैं।
सच तो आज बस कही खो गया है।
हम सभी पराओं में अपने ढूंढते हैं।
सच अपनों को हम जिद और बहस,
दूर स्वयं ही हम सभी कर रहे हैं।,
हकीकत और समाज में हम सभी,
अपने मन और विचारों को सोचते हैं।
सारे जहां से अच्छा सफर बस हम,
सभी बस एक सोच और समझते हैं।
आओ अपनों के साथ छोटा बन,
हम बड़प्पन भी निभाने का कदम,
सारे जहां से अच्छा सफर हम बढ़ाते हैं।
