शस्त्र और शास्त्र
शस्त्र और शास्त्र
माना कि गहन अंधकार है
कंटकाकीर्ण मार्ग है, मुश्किलें हजार हैं
आंधी तूफान , पर्वत , घाटियों से दो दो हाथ करने हैं
लेकिन दृढ़ निश्चयी हैं हम, हमारे हौसलों में जोश अपार है ।
हम राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति का सपना पाले हैं
कश्ती टूटी है तो क्या, आशाओं के फैले उजाले हैं
हमारी ताकत को कम मत समझना, हम 62 हैं
अरे, पांडव तो पांच ही थे जिन्होंने 100 कौरवों के होश उड़ा डाले हैं ।
यदि हौसलों में दम हो तो क्या नहीं हो सकता है
रेंगने वाला कछुआ भी खरगोश को हरा सकता है
एकता के धागे में सफलता के राज छुपे हैं मित्रों
बंटे हुए समाज को गुलामी का दंश झेलना पड़ता है
जो इतिहास से सबक नहीं लेता, वो मिट जाता है
निरीह बछड़ा दुष्ट भेड़ियों का निवाला बन जाता है
बांग्लादेश ने बता दिया है कि खतरा बहुत बड़ा है
हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाला कायर कहलाता है
"शस्त्र" को त्याग दिया और हाथों में मोमबत्ती पकड़ ली
"शास्त्र" को कोरी गप्प बताकर पतन की राह पकड़ ली
आधुनिकता की दौड़ में संस्कृति से विमुख हो गये हम
लव जिहाद में फंसी बेटियों ने सूटकेसों में जगह जकड़ ली
समय के साथ जो न चले, वह पीछे रह जाता है
एक जगह एकत्रित जल भी पड़ा पड़ा सड़ जाता है
आसन्न खतरों को भांपकर एकजुट हो जाओ दोस्तों
संगठन में ही शक्ति है, संगठन से "राज" भी घबराता है
