STORYMIRROR

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational

4  

हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy Inspirational

निंदा रस

निंदा रस

1 min
372

"निंदा" सबकी लाडली "निंदा" सुख की खान

"निंदा रस" के सामने सब रस धूरि समान ।।


निंदा रस सौं रस नहीं कह गये चतुर सुजान

निंदा रस से बन गये "मूढ़ " पुरुष भी महान ।। 


"निंदा रस" के सेवन से सब व्याधि मिट जाय । 

चेहरा चमकै चांद सा खूब मान बड़ाई पाय ।। 


बिन "निंदा" नेता नहीं "निंदा" कलम की खान 

"निंदा रस" के अधिष्ठाता नारद मुनि को जान ।।


"निंदा" से सरकार चले मीडिया की ये जान 

मन भरकर निंदा करो, गर चाहो कल्याण ।। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy