जन्मदिन पर मजाकिया शुभकामनाएँ
जन्मदिन पर मजाकिया शुभकामनाएँ
एक एक लड्डू को तरस गया ये कद्दू।
बदलना तो पड़ेगा, कब तक रहेगा गबदू।
रमन को आता है योग करता नहीं,
तभी तो ज़िन्दगी के सारे मज़े लेता नहीं।
अबके बदला तो बदला, नहीं आएगा फिर ये मौका,
मैच की आखरी बॉल, लगा ले दोस्त चौका।
क्या खायेगा कम सोच ये, मन को करम पे लगा,
वरना झेलनी पड़ेगी, भयंकर वाली विपदा।
भई, हम तो इशारा करते करते थक गए,
अब आखिरी इशारा कर, जरा हैं रुक गए।
निर्देश नहीं, इशारों की रख लेना इज्ज़त,
अबकी बार न करना हमसे हुज्ज़त।
बात यकीन की नहीं, ज़रुरत की है
तस्वीर जैसी सोची थी, वैसी मूरत की है।
शुभकामनाएं देता है ज़र्रा ज़र्रा, मान रख लेना
शान से जिए हो तो आगे भी शान रख लेना।
