ये देश चल रहा है कैसे ?
ये देश चल रहा है कैसे ?
ये देश चल रहा है कैसे ?
जा रहा है कहां ?
बुलेट ट्रेन से या सुपर जेट से
धरती से मंगल की ओर
या मंगल से फिर और कहां ?
उसके आगे और आगे
प्लूटो, नेप्तून या सूरज की ओर
चक्कर लगाता है
नीचे से ऊपर ,फिर ऊपर से नीचे
कुछ समझ में नहीं आता ..!
सोचता हूं कुछ समझ नहीं पाता
बुद्धू हूं तो अच्छा है
ईश्वर के वरदान है
गर सयाना होते
देश के वारे में सबकुछ जान पाते
लोगों के हाल और
देश का भविष्य के बारे में
सोच सोच कर
हार्ट स्ट्रोक में मर जाते शायद !

