Day-30 साइंस (जीवन केमिस्ट्री
Day-30 साइंस (जीवन केमिस्ट्री
ग़मों के ज्वालामुखी में डूबा एसे पानी में डूब रहा हो सोडियम का टुकड़ा जैसे
तब मेरे अस्त- व्यस्त जीवन को कंट्रोल किया तुमने आकर
जैसे किसी चैन रिएक्शन को कंट्रोल कर्ता माडरेटर
जिंदगी हो गई अतृप्त हाइड्रो कार्बन की तरह और हम फिरते आवारा हाइड्रो जन की तरह
निगाहों से छलकता इस कदर प्यार
मात्र देखने से चड़ जाए अल्कोहल का खुमार
उस हसीना से नजरे मिली और रिएक्शन हुआ
कुछ इस तरह हमारे प्यार का production हुआ
लगाने लगे उसके घर के चक्कर एसे न्यूक्लियस के चारों तरफ इलेक्ट्रान
मेरे रंगहीन जीवन को रंगीन किया एसे
पोटेशियम permegmet पानी में घुला हो जैसे
तुम मुझे हमेशा मुस्कराती नजर आती हो और मुझे नाइट्स आक्साइड का स्मरण कराती हो जैसे
जब तुमने रिंग उपहार स्वरूप मुझे दी थी तब मुझे भी रिंग टेस्ट की याद आई हो जैसे
तुम्हारा साथ पाकर हमने सोचा था हम टू solutions पर वह तो सस्पेंशन निकला हो जैसे
जब तुमने बदल दी अपनी साइड तो मैंने भी सोचा मैं भी खाउ पोटेशियम साइनाइड
उसे याद कर दिल मचलता है लैब में सिर्फ हमारा दिल जलता है
तेरे मेरे प्यार की केमिस्ट्री कुछ इस तरह हो जाए तू मुझसे मिले तो मेरी हो जाए
प्रेम में तुम्हें पुकार डॉली कम लव लव ये मेरे दिल की सच्चाई बयां हो जाए।
