STORYMIRROR

SUNIL JI GARG

Abstract Comedy Drama

4  

SUNIL JI GARG

Abstract Comedy Drama

गुड़िया का जन्मदिन

गुड़िया का जन्मदिन

1 min
227

ओ नन्ही सी गुड़िया, 

ओ जादू की पुड़िया।

बढ़िया तो है, मन ये तुम्हारा,

पर तुम्हें चाहिए कोई सहारा।


जनम दिवस पर ये ही कामना,

जुड़े तुम्हारी कहीं भावना।

गुड्डा हमने ढूँढ के रखा 

तुमने उसे है खूब देखा।


बारात वो सजीली लाएगा 

तुमको ब्याह ले जायेगा।

बात तुमको पसंद न हो 

हम लोगों से कह तो दो।


जन्मदिन पर खुल के बताओ,

मन कहाँ रमता हमें समझाओ।

तुम्हारे मन सबसे ऊपर है 

माँ पापा का तुमको वर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract