करलव योग जयकरी छंद
करलव योग जयकरी छंद


जागव जम्मो संगी मोर।
भागव खटिया कथरी छोर।
देखव कइसन बड़गे रोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।
खाके पिज्जा फाटे पेट।
घुण्डल- घुण्डल के रोवय सेठ।
छोड़व अइसन भारी भोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।
योग करव अउ धरलो ध्यान।
जिनगानी के नइहे भान।
आनी बानी रोक वियोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।
हावे जी सुघ्घर ब्यायाम।
रोग भगाही प्राणायाम।
करही तन मन रोज निरोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।
बइठे बइठे जांगर तोड़।
झन बन गदहा करले दौड़।
दवा दारू झनकर परयोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।
दुख पीरा के एक निदान।
ले लव जी योगा के ज्ञान।
योग दिवस के हे संजोग।
साँझ बिहनिया करलव योग।।