कोरोना की यादें 2020
कोरोना की यादें 2020
शान्त हो गया भरा मुहल्ला। नहीं सड़क पर हल्ला गुल्ला।
चाचा, चाची, ताऊ, ताई। नजर न आती गंगू माई।
शोर मचाते झटपट सरपट। कोरोना कह भागा लल्ला।
हाथी, चलते हिरण शान से। मानव सोचे गये प्राण से।
जीवन पहिया जाम हो गया। भीड़ पुकारे ईश्वर अल्ला।
मुँह पर मानव मास्क लगाये। पिंजरे में है मुँह बिचकाये।
भूल गये सारी दिनचर्या। मानिक मोती चाँदी छल्ला।
सारी दुनिया जिससे हारी। कोरोना है वह बीमारी।
किससे कैसे चूक हुई क्या। खोज रहे सब पकड़ पुछल्ला।