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दिनेश कुमार कीर

Children Stories Tragedy Inspirational

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दिनेश कुमार कीर

Children Stories Tragedy Inspirational

मेरे प्रभु श्रीराम

मेरे प्रभु श्रीराम

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संवरे सारे बिगड़े काम, 

विपदा का हो काम तमाम, 

संशय हटे तब मन का सारा, 

प्रभु श्रीराम का लें जब नाम, 


छवि अनोखी जिनकी प्यारी, 

उनसे महके हर फुलवारी, 

कांटों में भी गुल मुस्काए, 

प्रभु श्रीराम की लीला न्यारी, 


ख़ुशबू उनकी जैसे चंदन, 

बार - बार है उनको वंदन, 

दुखहर्ता - सुखकर्ता हैं वह, 

कहलाते जो दशरथ नंदन, 


राघव ने भी थी रीत निभाई, 

प्राण जाए पर वचन न जाई, 

मां सीता के नाथ श्रीराम ने, 

कीर्ति विश्व में ख़ूब थी पाई, 


'केवट' को अपने अंग लगाया, 

पुरुषोत्तम का दर्ज़ा पाया, 

भक्ति में करवा लीन प्रभु ने, 

रावण मुख से भी 'राम' कहाया, 


करते हैं सबका वह उद्धार, 

उनके दर्शन मोक्ष का द्वार, 

नहीं है बढ़कर कुछ भी उनसे, 

श्रीराम नाम है जीवन सार…


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