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Mohan Sahu

Fantasy Others Children

4  

Mohan Sahu

Fantasy Others Children

आँखों की रात

आँखों की रात

1 min
4

धुंधली रात की चादर ओढ़ी,

 चाँदनी की किरनें छलकी।

 हर सुर में छुपा एक कहानी,

 प्यार की लहरें बहकी।

चिरागों की रौशनी से रातें जागी,

 ख्वाबों के पर्दे खुले। 

गीतों की मिठास में लहराया,

 दिल का संगीत बजा।

प्रेम की मिठास बिखरी जहाँ,

 मन की गहराई में। 

सपनों की दुनिया बसी है, 

वहाँ रहता सच्चा प्यार है।

धीरे-धीरे आए ये पल, 

सुख का सागर जिसमें। 

हर रोज़ एक नई कहानी, 

प्यार की राहों में।

जीवन का रंग यही है, 

प्रेम का गीत यही।

 हर दिन हो खुशियों से भरा, 

इसी सपनों की धरती में।


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