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Kumar Vikash

Tragedy

4.5  

Kumar Vikash

Tragedy

कोरोना का रोना

कोरोना का रोना

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इस कोरोना काल में सब कंगाल हो

गये

कुछ ऐसे भी हैं जो मालामाल हो गये।


कमर टूट गई दुनिया में अर्थ व्यवस्था

की

गरीब-अमीर सब बेचारे लाचार हो गये।


इधर सरकारें कह रहीं वो कंगाल हो

गईं

और सरकारी कुछ नुमाइंदे मालामाल हो

गये।


राशन पहुँच रहा नहीं जरूरतमंद तक

और राशन पहुँचाने वाले साहूकार हो

गये।


चिकित्सक जिनको हम भगवान हैं

समझते

उनमें भी कुछ तो बेच रहे थे मानव अंग

ऐसी खबरें आईं तो बदनाम हो गये।


इम्यूनिटी बढ़ाने वाले साबुन सोडा तेल

अब बिक रहे बाजार में

जो रोज कमाते रोज खाते वो इन सब

को लेने में लाचार हो गये।


जो दो वक़्त का राशन न खरीद पाये

बेचारे बिन इम्यूनिटी बिन मास्क और

सेनेटाइजर के अब मरने को तैयार हो

गये।


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