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Sheetal Raghav

Tragedy Inspirational

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Sheetal Raghav

Tragedy Inspirational

कोरोना हार जायेगा

कोरोना हार जायेगा

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कोरोना ना किसी में भेद करता है,

बच्चे बूढ़े और जवान,

सबका एक बराबर, 

ख्याल रखता है,


थोड़ी खांसी, थोड़ा, बुखार, 

और कभी-कभी नाक भी, 

हो जातीखराब, 

कितना दर्द दे जाता है,

यह कोरोना कहलाता है,


गले में खराश हरदम रहती, 

कभी कभी नाक भी बहती, 

सुघंना तक आदमी भूल जाता है,


जब कोरोना नाम की, 

प्रेमिका का, 

हम पर दिल आ जाता है,

यही वह मर्ज है,

जो कोरोना कहलाता है,


मर्ज एक पर,

लक्षण अनेक, 

दस्त का वार भी, 

कहीं-कहीं हो जाता है,

सर में दर्द रहता है, 

आदमी चैन नहीं फिर पाता है,


इस प्रेमिका का जुनून, 

जब सर पर चढ़ जाता है,

ऑक्सीजन के लिए तब आदमी, 

हाय हाय चिल्लाता है,

यह कोरोना कहलाता है,


कभी-कभी तो यह प्रेमिका, 

हमसे रूठ इतना जाती हैं, 

ना चाह कर भी वह हमको, 

नरक के द्वार तक ले जाती है,

भूख प्यास कभी ज्यादा लगती, 

कभी तो पास भी नहीं आती है,

यह कोरोना नामक बीमारी कहलाती है,


भीषण प्रकोप सा,

इसका रूप, 

प्राणघातक इसका स्वरूप, 

हृदयाघात तक दे जाता है,

जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है। 

क्या कहूं इसके विषय में, 

इसका दर्द कितना सताता है?

यह कोरोना कहलाता है, 


बिक जाता है,आदमी,

फिर भी अपनों को, 

बचा नहीं पाता है,

अस्पतालों का बिल भरते भरते, 

खुद नंगा हो जाता है,

यह वह दर्द है, 

जो कोरोना कहलाता है, 


इलाज इसका महंगा है,कितना, 

जिसकी नहीं कोई भी गणना,

अगर दूर इस प्रेमिका से है ,रहना, 

तो 18 साल के ऊपर वाले,

दो डोज वैक्सीन के, 

अवश्य लेना,


वेक्सिन जब सबको लग जाएगा, 

ले एतिहाद जब, 

जगत कदम आगे बढ़ाएगा, 

तब जाकर कोरोना का घात, 

शायद थोड़ा कम हो जाएगा,


सदा हाथ धोना और मास्क लगाना,

अल्कोहल वाले संसाधनों का, 

प्रयोग करना और करवाना,

अगर खुश है,रहना तो, 

सोशल डिस्टेंसिंग नियम अपनाना,


इस प्रेमिका से बच कर रहना,

विटामिन सी का प्रयोग करते जाना, 

नारियल पानी संग हाथ मिलाना, 

नींबू का प्रयोग करें भरपूर, 

पौष्टिक खाना भी ले भरपूर, 

तभी रहेंगा कोरोना हमसे दूर, 

हम होंगे भीतर से तंदुरुस्त, 

तभी कोरोना रहेगा, 

हमसे कोसों दूर,


सावधानियां बरतने जाना, 

नहीं, किसी से भी हाथ मिलाना, 

नमस्कार पद्धति अपनाना,

नहीं इस वक्त, 

किसी को भी गले लगाना, 


दूर रहना पर, 

रिश्तो से दूर न जाना,

ना ही इनसे दूरियां बढ़ाना, 

यह समय और काल ऐसा है, 

जब जितना दूर रहे, 

वह अच्छा है,

जो दूर रहेगा, 

वह स्वस्थ रहेगा,

दूरियां बढ़ाएं, 

मगर दिल से दूर न जाएं, 


योग करना, 

प्राणायाम का नियम बनाना, 

खुद करना और दूसरों को प्रेरित कर जाना,

तब कोरोना हार जाएगा,


हमसे नहीं वो, तनिक भी लड़ पाएगा,

लड़खड़ाते कदम वापस लौट, 

अपनी मातृभूमि में जाएगा,

जहां से आया, 

वहींं की माटी में मिल जाएगा,

फिर कोरोना नहीं, 

कभी

हमें सताएगा,


कभी कोरोना हुआ करता था,

उपस्थिति अपनी वो,

भूतकाल में दर्ज कराएगा 

फिर से सुनहरी धूप खिलेगी,

भविष्य फिर से मुस्कुराएगा।


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